Short Love story in Hindi

प्यार वाली लव स्टोरी (Short Love story in Hindi) – आज हम आपको short love story in Hindi heart-touching कहानी बताने जा रहे है. ये short love story in Hindi for girlfriend आपके दिल को जरुर छू लेगी ऐसा हमें यकीन है. love story kahani hindi में आज एक ऐसी कहानी जो आपके दिल के बेहद करीब होगी.

Short Love story in Hindi –

Short Love story in Hindi

एक लड़का और लड़की आपस में बहुत प्यार किया करते थे। वो कभी एक दूसरे से नहीं मिले लेकिन अक्सर वो फोन पर खुद के दुख और सुख बाटा करते थे।

एक दूसरे के साथ बात करते करते उनका प्यार इतना गहरा हो चुका था की अब ऐसी नोबट आ चुकी थी की वो एक दूसरे को मिलने के लिए तरसने लगे थे।

उनका प्यार औरों से अलग था एक दूसरे के बातो को समझना और एक दूसरे की इज्जत हमेशा करना ये उनके प्यार की खासियत थी।
अब तो कुछ साल हो चुके थे बस ऐसे ही चलते चलते। एक दिन उन्होंने मिलने का फैसला किया। उन्होंने एक दूसरे को देखा था लेकिन सामने मिलने की ये पहली बार थी।

लोग कहते है जो पहला प्यार होता है वो भूले नहीं भूलता। जो पहला प्यार है वो सिर्फ पहली बार ही होता है। एक बार होता है तो आखिर के समय तक किसी और से उस तरह का प्यार नहीं हो सकता।

मैं भी मानता हु ये सच है। तो एक दिन वो दोनो एक होटल में मिले। दोनो ने अच्छे से बात की खाना खाया और निकल गए। शाम को जब लड़की ने लड़के से पूछा की आपने मेरे साथ कितना अच्छा बरताव किया। इसे देखकर मेरा आपके प्रति का प्यार और भी बढ़ गया।

लड़की कहती है की होटल से जाते समय जब हम एक दूसरे के गले लगे थे तो भी आप मुझसे कुछ भी कर सकते थे लेकिन आपने वैसा कुछ भी नहीं किया। लड़की आगे बोली की मैं बहुत खुशनसीब हूं की मुझे आप जैसा साथी मिला।

आगे जाकर लड़की और लड़के ने शादी करने का फैसला किया। लेकिन उन्होंने ये भी फैसला किया की वो भागकर शादी नहीं करेंगे। लड़की और लड़के ने अपने अपने मम्मी और पापा को सबकुछ बता दिया।

आगे लड़की के पापा ने लड़के को अपने घर बुलाया और कहा की मैं तुमसे अपनी बेटी की शादी नहीं कर सकता। इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा की तुम्हारी समाज अलग है और मेरी समाज अलग है।

ये समाज मेरे परिवार को जीने नहीं देंगी अगर हमने अपने बेटी का हात तुम्हारे हात में दिया। मेरे परिवार की समाज में बदनामी होगी। मैं अपनी बेटी का हात उस आदमी के हात में कैसे दी जो मेरे जान पहचान का नहीं है। हो सके तो मेरी बेटी को भूल जाना और हमे माफ करना।

इसपर लड़का अपनी पूरी सांसे थामकर बोला। ठीक है पिताजी में उस से शादी नहीं करूंगा लेकिन आपका ये भी फर्ज है की मुझसे भी ज्यादा अच्छा जीवनसाथी आप उसके लिए ढूंढेंगे। जाते जाते एक बात कहता ही की आपकी देती आज उतनी ही पवित्र है जैसे वो पहले थी।
मैं ये तो नहीं कह सकता की, मैं उसे भूल जाऊंगा मैं उसे याद तो करूंगा पर उसे कभी बताऊंगा नहीं। मैं तो बस इतना ही चाहता हु की वो खुश रहे। सदा हस्ती रहे।

ये बाते लड़की छुपकर सुन रही थी और रो रही थी। वो भागकर पापा के सामने आ गई उसने कहा की पापा मैं उससे प्यार करती हु। मैंने सोचा की आप मेरे जसबात समझेंगे लेकिन आपने तो उसे समझने की कोशिश भी नहीं की। चाहती तो हम दोनो एक दूसरे के साथ आपको बिना बताए भागकर शादी कर सकते थे। लेकिन हमने ऐसा नहीं सोचा क्यों की हम चाहते थे की आपकी बदनामी न हो। लेकिन हम वैसा ही करेंगे जैसा आप बोलोगे। अगर आप नहीं चाहते की मैं इस से शादी करू तो नहीं नहीं करूंगी।

लड़की लड़के के सामने रोते हुए बोली मुझे माफ कर देना। मुझे लगा की मैं अपने घरवालों को मना लूंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हो सके तो मुझे भूल जाना। इतना कहते कहते लड़की के आंख से आंसू टपकने लगे। वो जोर से रोने लगी।

लड़का लड़की को समझाते हुए बोला की प्यार तो दिल से होता है जिस्म से नहीं। हैं यकीन है की हम दोनो एक दिन जरूर मिलेंगे। अब तो दोनो रोने लगे। पापा ये सब देख रहे थे और उनके भी आंखों में आसूं आ गए।

पापाने दोनो को गले लगा लिया और बोले समाज वगैरा सब देखा जाएगा आज बाद मैं ये चाहता हु की मेरी बेटी कुश रहे। में जीवन में इस से महत्व किसी और बात का नहीं है।मुझे ऐसा जमाई कहा मिलेगा जो मेरी बेटी के साथ इतना प्यार करता है।

ऐसा लड़का जो मेरे फैसले के खिलाफ नहीं जाना चाहता। मैं तो खुशनसीब हूं की मुझे तुझ जैसा जमाई मिला है। को मेरी बेटी को इतनी फिक्र करता हो वो कभी गलत नहीं हो सकता। मैं तुम दोनों की धूमधाम से शादी करूंगा।

पापा ने दोनो को गले लगा लिया और तीनो रोने लगे। किसी ने सच हो कहा है की अगर आपका प्यार गहरा हो तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने के लिए लग जाती है।

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